शनिवार, 8 मई 2010

भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ 'आतंकवाद विरोधी' रैली


उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ के काफ़िले पर हमले के विरोध में विहिप ने सोमवार को पूर्वांचल बंद आयोजित किया है.आज़मगढ़ के जिलाधिकारी मयूर माहेश्वरी ने बताया कि तनाव को देखते हुए ज़िले के स्कूल और कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है.साथ ही हिंसा के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसबलों को तैनात कर दिया गया है.आज़मगढ़ में हुई सांप्रदायिक हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए हैं. दरअसल स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ 'आतंकवाद विरोधी' रैली को संबोधित करने आज़मगढ़ पहुँचे.जब शहर के मुस्लिम बहुल तकिया मोहल्ले से उनका काफ़िला गुजर रहा था तभी कुछ लोगों ने गाड़ियों पर पथराव शुरु कर दिया जिससे कई गाड़ियों के शीशे टूट गए.स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने इस मामले में सतर्कता से काम नहीं लिया. पत्रकारों के मुताबिक पहले तो यात्रा को इलाक़े से निकलने ही नहीं देना चाहिए था, साथ ही और अधिक पुलिस बल को तैनात किया जाना चाहिए था.संघर्ष पुलिस का कहना है कि भीड़ में से फ़ायरिंग भी हुई. स्थिति को क़ाबू करने के लिए पुलिस को आँसू गैस के गोले दागने पड़े और हवाई फ़ायरिंग करनी पड़ी.योगी आदित्यनाथ आज़मगढ़ में चरमपंथ विरोधी रैली निकाल रहे थे. बाद में इसी मोहल्ले से मुनव्वर नाम के व्यक्ति की लाश बरामद हुई. हालाँकि अधिकारी ये बताने से कतरा रहे हैं कि उसकी मौत पुलिस फ़ायरिंग में हुई या गुटीय संघर्ष में.स्थानीय लोगों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के समर्थक मुस्लिम विरोधी नारे लगा रहे थे जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. पुलिस ने किसी तरह आदित्यनाथ को उस स्थान पर पहुँचाया जहाँ उन्हें भाषण देना था. अपने भाषण में उन्होंने चरमपंथ के लिए मुस्लिम समुदाय को ज़िम्मेदार ठहराया.हाल ही में गुजरात धमाकों के सिलसिले में आज़मगढ़ से अब्दुल बशर की गिरफ़्तारी हुई थी और इससे पहले भी आज़मगढ़ से कई संदिग्ध लोगों की गिरफ़्तारियाँ हो चुकी हैं.बशर की गिरफ़्तारी के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अलावा कई नेताओं ने आज़मगढ़ का दौरा किया था और इस तरह के बयान दिए थे कि निर्दोष मुसलमानों को फँसाया जा रहा है. दूसरी और भाजपा और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जैसे संगठन आज़मगढ़ को चरमपंथ का गढ़ बताते रहे हैं

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