शनिवार, 8 मई 2010

हैदराबाद हिंसा में एक की मौत


आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में फैली सांप्रदायिक हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है. मंगलवार को चौथे दिन भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. मंगलवार को ही राज्य में हनुमान जयंती मनाई जाएगी और इस मौक़े पर जुलूस निकाला जाता है. राज्य सरकार ने कहा है कि हनुमान जयंती तो मनाई जाएगी लेकिन जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
सोमवार रातभर पुलिस की गश्त रही लेकिन कई इलाक़ों से पथराव और हिंसा की ख़बर है. यहाँ तक कि पुलिस महानिदेशक गिरीश कुमार भी रात में सक्रिय रहे. सोमवार को सांप्रदायिक हिंसा की आग कई नए इलाक़ों में भी फैल गई है. इनमें मुग़लपुरा, हरी बावली, कुर्मागुड़ा और याकूतपुरा के इलाक़े शामिल हैं.
इन सभी इलाक़ों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 75 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने इस सिलसिले में 110 को गिरफ़्तार किया है. केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री के रोसैया के मुताबिक़ केंद्र सरकार केंद्रीय सुरक्षा बलों की 17 अतिरिक्त कंपनियाँ हैदराबाद भिजवा रही है.
हैदराबाद के पुराने शहर में अनेक इलाक़ों में निषेधाज्ञा लागू है. लेकिन हालात कर्फ़्यू जैसे हैं. गृह मंत्री सबिता इंदिरा रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा है कि स्थिति नियंत्रण में हैं. उधर इस मामले को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने मजलिसे-इत्तेहादुल-मुसलमीन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोगों को भड़काया और सरकार तमाशाई बनी रही.
मजलिस ने इसके लिए भाजपा को दोषी ठहराया है और कहा है कि लोगों को भड़काने का काम भाजपा ने किया है. भाजपा नेता उस इलाक़े में जाना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें उस इलाक़े में जाने की इजाज़त नहीं दी. पुलिस आयुक्त एके ख़ान ने कहा था कि इसके पीछे सोची समझी साज़िश है और सब कुछ योजनाबद्ध तरीक़े से हुआ है. शहर के कई इलाक़ों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान गश्त कर रहे हैं

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