नाम - बादशाह खंडेरवा
पिता का नाम - रजत शँकर खंडेरवा
जन्म स्थान - नई दिल्ली हिन्दुस्तान
शिक्षा मारीशस ( B. Tech. in Computer Science )
जन्मतिथि - 26 फरवरी 1985
अन्तर्राष्टीय अध्यक्ष - RED ALERT ORGANIZATION ARMY ( R. A. O. ARMY )
उददेशय - भारत , नेपाल , मारीशस को हिन्दु देश बनाना
प्रिय दोस्तो मैँ RED ALERT ORGANIZATION ( R. A. O. ) ARMY . के नाम से एक सामाजिक संगठन चलाता हूँ । जो उन गरीब , आंतकवाद से पीडित कश्मीरी हिन्दुओँ की मदद के लिए बनाया गया है जो इस देश मेँ कश्मीरी मुसलमानोँ के आतंक के डर से शरणार्थी का जीवन जीने को मजबूर हैँ । अगर आप इन कश्मीरी हिन्दुओँ की मदद करना चाहे तो मुझसे जुड सकते है
E - Mail - rao.ats@gmail.com
शनिवार, 8 मई 2010
कश्मीरी हिन्दु
मेरे प्यारे दोस्तो आज मै आप सभी को एक बात बताना चाहता हूँ , जो शायद आप को किसी ने ना बताई हो
दोस्तो जरा सा सोचो कि हिन्दु मुसलमानो से पीछे क्यू है , क्योकि जब एक मुसलमान के साथ अत्याचार होता है तब सारे विश्व के मुसलमान अपना विरोध जताते है । विरोध जताने का तरीका चाहे काला झण्डा दिखाकर हो या ग्रेनेड या बुलेट दगाकर किया गया होँ । पर जब जब वही अत्याचार हिन्दुओ के साथ होता है तब उन्की तरफ से कोइ आवाज नहीँ उठाता क्योकि उन्हे पता है कि हिन्दुओ मे एकता नही है । यह दुःख तब और बढ जाता है जब हमारे देश के नेता उन कश्मीरी मुसलमानोँके हितोँ कि बात करते है जो कश्मीर मेँ आतंकवाद फैला रखे है और तिरंगा जलाते हैँ । पर उन 5 लाख कश्मीरी हिन्दुओ , 9 लाख पाकिस्तानी 6 लाख बंग्लादेशी हिन्दुओँ पर कोई राजनीत नहीँ करता क्योकि हिन्दुओँ मेँ एकता नहीँ है ।
तुम्हारी बरबादिओँ के तज गडे हैँ आसमानो मेँ ऐ हिन्दुस्ताँ वालो , न संभलोगे तो तुम्हारी दास्ताँ तक न होगी दास्तानोँ मेँ ॥
दोस्तो आखिर मेँ कब तक हम यह सब सहते रहेगेँ । आखिर कब तक यूँ ही गायेँ कटती रहेगी । कब तक धर्म के नाम पर कश्मीर , पाकिस्तान , बंग्लादेश , अफगानिस्तान मेँ हिन्दुओँ का कत्लेआम होता रहेगा । कब तक जिहाद के नाम पर मंदिरो , शहरोँ मेँ हमलो को बर्दास्त करेगेँ । आखिर कब बाज आयेगे ये कठमुल्ले अपनी हरकतो से । इसलिए दोस्तो अब जागना होगा ।
अब विनय नहीँ जंग होगा , या तो जीत होगी या सब कुछ खत्प होगा ।
ऐ मेरे कश्मीरी हिन्दु भाइयोँ अगर तुम यह सोचते होँ कि कोई नेता , कोई सरकार या कोई धर्म गुरू तुम्हारी मदद करेगेँ तो तुम्हे और तुम्हारी आने वाली पीढियोँ कोऐ मेरे कश्मीरी हिन्दु भाइयोँ अगर तुम यह सोचते होँ कि कोई नेता , कोई सरकार या कोई धर्म गुरू तुम्हारी मदद करेगेँ तो तुम्हे और तुम्हारी आने वाली पीढियोँ को अपनी सारी जिन्दगी फुटपाथ पर गुजारनी पडेगी । इसलिए तुम्हे अपनी जमीन व अपना हक लेने के लिए अब हथियार उठाना पडेगा । डरो नहीँ मैँ अपने माँ की कसम खाँके कहता हूँ कि कोई तुम्हारी मदद करे या न करे , पर मै बादशाह खंडेरवा तुम्हारी मदद अवस्य करूगाँ । तुम राव सेना पर विशवास करो , वह तुम्हारी मदद अवश्य करेगी ।अगर तुम मेरा यह संदेश पढो , तो अपनी राय मुझे जरुर देना । यदि तुम अपनी आप बीती मुझे बताना चाहो तो तुम्हारा स्वागत है ॥ अधिक जानने के लिए मेरा ब्लाग पढे । hattp _ joinraoarmy@blogspot.com या मुझे इ - मेल करेँ । E - Mail _ rao.ats @gmail.com
दोस्तो जरा सा सोचो कि हिन्दु मुसलमानो से पीछे क्यू है , क्योकि जब एक मुसलमान के साथ अत्याचार होता है तब सारे विश्व के मुसलमान अपना विरोध जताते है । विरोध जताने का तरीका चाहे काला झण्डा दिखाकर हो या ग्रेनेड या बुलेट दगाकर किया गया होँ । पर जब जब वही अत्याचार हिन्दुओ के साथ होता है तब उन्की तरफ से कोइ आवाज नहीँ उठाता क्योकि उन्हे पता है कि हिन्दुओ मे एकता नही है । यह दुःख तब और बढ जाता है जब हमारे देश के नेता उन कश्मीरी मुसलमानोँके हितोँ कि बात करते है जो कश्मीर मेँ आतंकवाद फैला रखे है और तिरंगा जलाते हैँ । पर उन 5 लाख कश्मीरी हिन्दुओ , 9 लाख पाकिस्तानी 6 लाख बंग्लादेशी हिन्दुओँ पर कोई राजनीत नहीँ करता क्योकि हिन्दुओँ मेँ एकता नहीँ है ।
तुम्हारी बरबादिओँ के तज गडे हैँ आसमानो मेँ ऐ हिन्दुस्ताँ वालो , न संभलोगे तो तुम्हारी दास्ताँ तक न होगी दास्तानोँ मेँ ॥
दोस्तो आखिर मेँ कब तक हम यह सब सहते रहेगेँ । आखिर कब तक यूँ ही गायेँ कटती रहेगी । कब तक धर्म के नाम पर कश्मीर , पाकिस्तान , बंग्लादेश , अफगानिस्तान मेँ हिन्दुओँ का कत्लेआम होता रहेगा । कब तक जिहाद के नाम पर मंदिरो , शहरोँ मेँ हमलो को बर्दास्त करेगेँ । आखिर कब बाज आयेगे ये कठमुल्ले अपनी हरकतो से । इसलिए दोस्तो अब जागना होगा ।
अब विनय नहीँ जंग होगा , या तो जीत होगी या सब कुछ खत्प होगा ।
ऐ मेरे कश्मीरी हिन्दु भाइयोँ अगर तुम यह सोचते होँ कि कोई नेता , कोई सरकार या कोई धर्म गुरू तुम्हारी मदद करेगेँ तो तुम्हे और तुम्हारी आने वाली पीढियोँ कोऐ मेरे कश्मीरी हिन्दु भाइयोँ अगर तुम यह सोचते होँ कि कोई नेता , कोई सरकार या कोई धर्म गुरू तुम्हारी मदद करेगेँ तो तुम्हे और तुम्हारी आने वाली पीढियोँ को अपनी सारी जिन्दगी फुटपाथ पर गुजारनी पडेगी । इसलिए तुम्हे अपनी जमीन व अपना हक लेने के लिए अब हथियार उठाना पडेगा । डरो नहीँ मैँ अपने माँ की कसम खाँके कहता हूँ कि कोई तुम्हारी मदद करे या न करे , पर मै बादशाह खंडेरवा तुम्हारी मदद अवस्य करूगाँ । तुम राव सेना पर विशवास करो , वह तुम्हारी मदद अवश्य करेगी ।अगर तुम मेरा यह संदेश पढो , तो अपनी राय मुझे जरुर देना । यदि तुम अपनी आप बीती मुझे बताना चाहो तो तुम्हारा स्वागत है ॥ अधिक जानने के लिए मेरा ब्लाग पढे । hattp _ joinraoarmy@blogspot.com या मुझे इ - मेल करेँ । E - Mail _ rao.ats @gmail.com
हैदराबाद हिंसा में एक की मौत
आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में फैली सांप्रदायिक हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है. मंगलवार को चौथे दिन भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. मंगलवार को ही राज्य में हनुमान जयंती मनाई जाएगी और इस मौक़े पर जुलूस निकाला जाता है. राज्य सरकार ने कहा है कि हनुमान जयंती तो मनाई जाएगी लेकिन जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
सोमवार रातभर पुलिस की गश्त रही लेकिन कई इलाक़ों से पथराव और हिंसा की ख़बर है. यहाँ तक कि पुलिस महानिदेशक गिरीश कुमार भी रात में सक्रिय रहे. सोमवार को सांप्रदायिक हिंसा की आग कई नए इलाक़ों में भी फैल गई है. इनमें मुग़लपुरा, हरी बावली, कुर्मागुड़ा और याकूतपुरा के इलाक़े शामिल हैं.
इन सभी इलाक़ों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 75 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने इस सिलसिले में 110 को गिरफ़्तार किया है. केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री के रोसैया के मुताबिक़ केंद्र सरकार केंद्रीय सुरक्षा बलों की 17 अतिरिक्त कंपनियाँ हैदराबाद भिजवा रही है.
हैदराबाद के पुराने शहर में अनेक इलाक़ों में निषेधाज्ञा लागू है. लेकिन हालात कर्फ़्यू जैसे हैं. गृह मंत्री सबिता इंदिरा रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा है कि स्थिति नियंत्रण में हैं. उधर इस मामले को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने मजलिसे-इत्तेहादुल-मुसलमीन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोगों को भड़काया और सरकार तमाशाई बनी रही.
मजलिस ने इसके लिए भाजपा को दोषी ठहराया है और कहा है कि लोगों को भड़काने का काम भाजपा ने किया है. भाजपा नेता उस इलाक़े में जाना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें उस इलाक़े में जाने की इजाज़त नहीं दी. पुलिस आयुक्त एके ख़ान ने कहा था कि इसके पीछे सोची समझी साज़िश है और सब कुछ योजनाबद्ध तरीक़े से हुआ है. शहर के कई इलाक़ों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान गश्त कर रहे हैं
सोमवार रातभर पुलिस की गश्त रही लेकिन कई इलाक़ों से पथराव और हिंसा की ख़बर है. यहाँ तक कि पुलिस महानिदेशक गिरीश कुमार भी रात में सक्रिय रहे. सोमवार को सांप्रदायिक हिंसा की आग कई नए इलाक़ों में भी फैल गई है. इनमें मुग़लपुरा, हरी बावली, कुर्मागुड़ा और याकूतपुरा के इलाक़े शामिल हैं.
इन सभी इलाक़ों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 75 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने इस सिलसिले में 110 को गिरफ़्तार किया है. केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री के रोसैया के मुताबिक़ केंद्र सरकार केंद्रीय सुरक्षा बलों की 17 अतिरिक्त कंपनियाँ हैदराबाद भिजवा रही है.
हैदराबाद के पुराने शहर में अनेक इलाक़ों में निषेधाज्ञा लागू है. लेकिन हालात कर्फ़्यू जैसे हैं. गृह मंत्री सबिता इंदिरा रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा है कि स्थिति नियंत्रण में हैं. उधर इस मामले को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने मजलिसे-इत्तेहादुल-मुसलमीन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोगों को भड़काया और सरकार तमाशाई बनी रही.
मजलिस ने इसके लिए भाजपा को दोषी ठहराया है और कहा है कि लोगों को भड़काने का काम भाजपा ने किया है. भाजपा नेता उस इलाक़े में जाना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें उस इलाक़े में जाने की इजाज़त नहीं दी. पुलिस आयुक्त एके ख़ान ने कहा था कि इसके पीछे सोची समझी साज़िश है और सब कुछ योजनाबद्ध तरीक़े से हुआ है. शहर के कई इलाक़ों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान गश्त कर रहे हैं
भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ 'आतंकवाद विरोधी' रैली
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ के काफ़िले पर हमले के विरोध में विहिप ने सोमवार को पूर्वांचल बंद आयोजित किया है.आज़मगढ़ के जिलाधिकारी मयूर माहेश्वरी ने बताया कि तनाव को देखते हुए ज़िले के स्कूल और कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है.साथ ही हिंसा के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसबलों को तैनात कर दिया गया है.आज़मगढ़ में हुई सांप्रदायिक हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए हैं. दरअसल स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ 'आतंकवाद विरोधी' रैली को संबोधित करने आज़मगढ़ पहुँचे.जब शहर के मुस्लिम बहुल तकिया मोहल्ले से उनका काफ़िला गुजर रहा था तभी कुछ लोगों ने गाड़ियों पर पथराव शुरु कर दिया जिससे कई गाड़ियों के शीशे टूट गए.स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने इस मामले में सतर्कता से काम नहीं लिया. पत्रकारों के मुताबिक पहले तो यात्रा को इलाक़े से निकलने ही नहीं देना चाहिए था, साथ ही और अधिक पुलिस बल को तैनात किया जाना चाहिए था.संघर्ष पुलिस का कहना है कि भीड़ में से फ़ायरिंग भी हुई. स्थिति को क़ाबू करने के लिए पुलिस को आँसू गैस के गोले दागने पड़े और हवाई फ़ायरिंग करनी पड़ी.योगी आदित्यनाथ आज़मगढ़ में चरमपंथ विरोधी रैली निकाल रहे थे. बाद में इसी मोहल्ले से मुनव्वर नाम के व्यक्ति की लाश बरामद हुई. हालाँकि अधिकारी ये बताने से कतरा रहे हैं कि उसकी मौत पुलिस फ़ायरिंग में हुई या गुटीय संघर्ष में.स्थानीय लोगों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के समर्थक मुस्लिम विरोधी नारे लगा रहे थे जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई. पुलिस ने किसी तरह आदित्यनाथ को उस स्थान पर पहुँचाया जहाँ उन्हें भाषण देना था. अपने भाषण में उन्होंने चरमपंथ के लिए मुस्लिम समुदाय को ज़िम्मेदार ठहराया.हाल ही में गुजरात धमाकों के सिलसिले में आज़मगढ़ से अब्दुल बशर की गिरफ़्तारी हुई थी और इससे पहले भी आज़मगढ़ से कई संदिग्ध लोगों की गिरफ़्तारियाँ हो चुकी हैं.बशर की गिरफ़्तारी के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अलावा कई नेताओं ने आज़मगढ़ का दौरा किया था और इस तरह के बयान दिए थे कि निर्दोष मुसलमानों को फँसाया जा रहा है. दूसरी और भाजपा और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जैसे संगठन आज़मगढ़ को चरमपंथ का गढ़ बताते रहे हैं
मंगलवार, 13 अप्रैल 2010
RED ALERT ORGANIZATION ( RAO ) ARMY
Dear friends,
Here is basis of Shastra:
Vedas
The Rig-VedaThe Sama-VedaThe Yajur-VedaThe Atharva-Veda
Upanishads
Brhad-aranyaka UpanishadChandogya UpanishadAitareya UpanishadTaittriya UpanishadIsa UpanishadKena UpanishadKatha UpanishadPrashna UpanishadMundaka UpanishadMandukya UpanishadSvetasvatara UpanishadKausitaki Brahmana UpanishadMaitri UpanishadSubala UpanishadJabala UpanishadPaingala UpanishadKaivalya UpanishadVajrasucika UpanishadPuranas
The 18 Puranas are:
Brahma Purana, Padma Purana, Vishnu Purana, VayuPurana or Siva Purana, Bhagavata Purana, Narada Purana, MarkandeyaPurana, Agni Purana, Bhavishya Purana, Brahma Vaivarta Purana, LingaPurana, Varaha Purana, Skanda Purana, Vamana Purana, Kurma Purana,Matsya Purana, Garuda Purana and Brahmanda Purana.
There are the classics,
Mahabharat & Ramayana
The philosophical classics:
Bhagavad Gita and Vedanta Sutras
<---Allsampradaya's are based on bhasyas of these 2 works.Best wishes,RichardPS: Try Moti Lal Banarsi Das in Chandi Chowk (Delhi) or any Sanskritbooks stores. Most are already translated, I have Bhagavat, Vamana,Vishnu, Kurma,and Agni Puranas in my library.
--- In sacred-objects (AT) yahoogroups (DOT) com, "aadi291" wrote:>> > dear pandit arjun and others,
> > could you please name all the original puranas, vedas other shastra> books and from where to procure them, hopefully from india? i want them> with the original sanskrit text and with english or preferably hindi> translation...i am based in mumbai..
> > warm regards> > aadi> > > > > ---
In sacred-objects (AT) yahoogroups (DOT) com, "panditarjun2004"> wrote:
> >> > dear friend> >> > since i am not aware whether the owner of this website is a member> > of this group or not, it is not prudent to write on his postings in> > his own website, as he would not have an opportunity to clarify.
> >> > however, any rudraksha seller MUST mention the source or reference> > of the classics while posting the benefits of a particular rudraksha.> >> > vedas and puranas have no patents and do not attract any copyright> > infringement and hence rudraksha sellers must mention the references> > from these ancient classics while promoting a product.
> >> > many famous leading rudraksh websellers have substantiated or> > corroborated their attribution of benefits of rudraksha by quoting> > verses from various puranas, upanishads and devibhagavatam.> >> > before making available rudraksha to others, i myself bought all the> > various puranas in sanskrit in their original form and only after> > convincing myself about their recommendation by the ancient sages,> > have started offering them to others.> >> > in this context, i appreciate richardji as he always promote a> > product by citing the benefits of it as written in the classics.> >> > so any buyer must insist on the seller to substantiate his claims of> > attribution of benefits by giving references from classics.> >> > with best wishes and blessings> > pandit arjun> > 9948892439> > --- In sacred-objects (AT) yahoogroups (DOT) com, "rudraksha67"> > satyadharma@ wrote:> > >> > >> > > Namaskar> > >> > > At the website Rudraksham.com, there is a description of the> > powers of> > > 13 Mukhi Rudraksha, which I have not seen anywhere else:> > >> > >
13 Mukhi Rudraksha> > > ( Terah Mukhi Rudraksha Terah Ratno ko Barane)> > >> > > This Rudraksha belongs to Thirteen Ratna(Gems). The wearer of this> > > Rudraksha get the thirteen Ratna (Gems) by the blessing of Lord> > Shiva.> > > This Rudraksha removes all kind of Diseases from the Body of the> > wearer> > > of this Rudraksha. This Rudraksha possess the power of thirteen> > Sant (> > > Saints). The wearer of this Rudraksha becomes intelligent,> > powerful,> > > free from diseases, good spouse, sons and daughter. The Person> > live the> > > life of King; it is said by Bhagwan Dattatreya. this Rudraksha is> > to be> > > worn on Monday before sunrise.
> > >> > > What is Thirteen Ratna and Thirteen Sant (Saints)? Is this
> > something
> > > authentic?
> > >> > > Thank you for any comment,
> > >> > > Satyadharma
FOR ANY INFORMATION VISIT rao.ats@gmail.com
YOUR
BADASHA RAO
[ chief of Red Alert Organization (RAO) army ]
Dear friends,
Here is basis of Shastra:
Vedas
The Rig-VedaThe Sama-VedaThe Yajur-VedaThe Atharva-Veda
Upanishads
Brhad-aranyaka UpanishadChandogya UpanishadAitareya UpanishadTaittriya UpanishadIsa UpanishadKena UpanishadKatha UpanishadPrashna UpanishadMundaka UpanishadMandukya UpanishadSvetasvatara UpanishadKausitaki Brahmana UpanishadMaitri UpanishadSubala UpanishadJabala UpanishadPaingala UpanishadKaivalya UpanishadVajrasucika UpanishadPuranas
The 18 Puranas are:
Brahma Purana, Padma Purana, Vishnu Purana, VayuPurana or Siva Purana, Bhagavata Purana, Narada Purana, MarkandeyaPurana, Agni Purana, Bhavishya Purana, Brahma Vaivarta Purana, LingaPurana, Varaha Purana, Skanda Purana, Vamana Purana, Kurma Purana,Matsya Purana, Garuda Purana and Brahmanda Purana.
There are the classics,
Mahabharat & Ramayana
The philosophical classics:
Bhagavad Gita and Vedanta Sutras
<---Allsampradaya's are based on bhasyas of these 2 works.Best wishes,RichardPS: Try Moti Lal Banarsi Das in Chandi Chowk (Delhi) or any Sanskritbooks stores. Most are already translated, I have Bhagavat, Vamana,Vishnu, Kurma,and Agni Puranas in my library.
--- In sacred-objects (AT) yahoogroups (DOT) com, "aadi291"
> > could you please name all the original puranas, vedas other shastra> books and from where to procure them, hopefully from india? i want them> with the original sanskrit text and with english or preferably hindi> translation...i am based in mumbai..
> > warm regards> > aadi> > > > > ---
In sacred-objects (AT) yahoogroups (DOT) com, "panditarjun2004">
> >> > dear friend> >> > since i am not aware whether the owner of this website is a member> > of this group or not, it is not prudent to write on his postings in> > his own website, as he would not have an opportunity to clarify.
> >> > however, any rudraksha seller MUST mention the source or reference> > of the classics while posting the benefits of a particular rudraksha.> >> > vedas and puranas have no patents and do not attract any copyright> > infringement and hence rudraksha sellers must mention the references> > from these ancient classics while promoting a product.
> >> > many famous leading rudraksh websellers have substantiated or> > corroborated their attribution of benefits of rudraksha by quoting> > verses from various puranas, upanishads and devibhagavatam.> >> > before making available rudraksha to others, i myself bought all the> > various puranas in sanskrit in their original form and only after> > convincing myself about their recommendation by the ancient sages,> > have started offering them to others.> >> > in this context, i appreciate richardji as he always promote a> > product by citing the benefits of it as written in the classics.> >> > so any buyer must insist on the seller to substantiate his claims of> > attribution of benefits by giving references from classics.> >> > with best wishes and blessings> > pandit arjun> > 9948892439> > --- In sacred-objects (AT) yahoogroups (DOT) com, "rudraksha67"> > satyadharma@ wrote:> > >> > >> > > Namaskar> > >> > > At the website Rudraksham.com, there is a description of the> > powers of> > > 13 Mukhi Rudraksha, which I have not seen anywhere else:> > >> > >
13 Mukhi Rudraksha> > > ( Terah Mukhi Rudraksha Terah Ratno ko Barane)> > >> > > This Rudraksha belongs to Thirteen Ratna(Gems). The wearer of this> > > Rudraksha get the thirteen Ratna (Gems) by the blessing of Lord> > Shiva.> > > This Rudraksha removes all kind of Diseases from the Body of the> > wearer> > > of this Rudraksha. This Rudraksha possess the power of thirteen> > Sant (> > > Saints). The wearer of this Rudraksha becomes intelligent,> > powerful,> > > free from diseases, good spouse, sons and daughter. The Person> > live the> > > life of King; it is said by Bhagwan Dattatreya. this Rudraksha is> > to be> > > worn on Monday before sunrise.
> > >> > > What is Thirteen Ratna and Thirteen Sant (Saints)? Is this
> > something
> > > authentic?
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आतंकवाद-आजमगढ और आदित्यनाथ
आतंकवाद एक समस्या है आजमगढ वह स्थान है जो इस समस्या से ग्रस्त है और आदित्यनाथ वह व्यक्ति हैं जो इस समस्या के खिलाफ जबर्दस्त मुहिम चलाए हुए है। आजमगढ आतंकवाद की उर्वरभूमि होने के साथ आतंकवादियों के पसंदीदा शरणस्थल के रुप में भी पहचाना जाता है। उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बाहुल्य इस जिले में यदि खाड़ी देशों की मुद्रा दिरहम और दीनार की बेशुमार आवक है तो वही इन दिरहमों-दीनार के मालिकों द्वारा जेहाद के नाम पर आतंकियों को दिल खोल मदद में देसी ही नही बल्कि विदेशी आतंकियों तक को अपनी तरफ आकर्षित किया है। आतंकवादियों ने अपने इस मनपंसद आरामगाह और ऐशगाह को अपनी शरणस्थली बनाने के साथ ही इसे पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के कबायली इलाकों में चलाए जा रहे आतंकी प्रशिक्षण केन्द्रों की अनुकृति बनाने का अभियान भी बाकायदा चलाया हुआ है।भारत में वोट बैंक की लालच में तुष्टिकरण करने वाली सरकारों के सहयोग से ये आतंकवादी अपने खतरनाक मंसूबों में काफी हद तक सफल भी हो रहे हैं। लेकिन पूर्वाकाल में इन तत्वों के राष्ट्रद्रोही मंसूबो के पूरा होने के रास्ते में योगी आदित्यनाथ जैसे सन्यासी चट्टान की तरह खड़े मिलते है। राष्ट्रीय एकीकरण के पवित्र कार्य का बीड़ा उठाने वाले ऐसे सन्यासी शुरु से ही आतंकवादियों और चरमपंथियों के निशाने पर रहे है। योगी आदित्यनाथ विश्व प्रसिध्द कनफटे साधुओं के सबसे बड़े आस्था केन्द्र गोरक्षपीठ के घोषित उत्तराधिकारी हैं। राजनैतिक जगत में योगी की पहचान गोरखपुर से भाजपा सांसद के रूप में जरुर है लेकिन आम जनता के बीच उनकी पहचान हिन्दू हृदय सम्राट और एक ऐसे योध्दा के रूप में है जो देश में स्वामी विवेकानन्द के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए अवतरित हुआ है। कम उम्र में आश्चर्यचकित करने वाली आध्यात्मिक और शैक्षिक उपलब्धियां अर्जित करने वाले योगी आदित्य नाथ ने अपने गुरु और गोरक्षपीठ के वर्तमान पीठाधीश्वर महन्त अवैद्यनाथ के कहने पर भारतीय राजनीति की बदनाम गलियों में प्रवेश किया और आश्चर्यजनक रुप से अपनी लोकप्रियता के ग्राफ को बढ़ाया।उस गोरखपुर में जहां भाजपा जैसी राष्ट्रवादी पार्टी को अपनी जमीन तक नही मिल पा रही थी, योगी ने अपने पराक्रम से कमल खिला दिया और गोरखपुर सहित गोंडा, पड़रौना, बस्ती, देवरिया, महाराजगंज और फैजाबाद जैसे जिलों की कई लोकसभा और विधानसभा सीटें भाजपा की झोली में डाल दीं। योगी को अपने अच्छे कार्यो का पुरस्कार भाजपा से तो नहीं मिला लेकिन इस कवायद में योगी राजनैतिक और धार्मिक कट्टरपंथियों के निशाने पर जरूर आ गए। योगी ने पूर्वांचल में जब एक वर्ग विशेष की दहशत तले जी रहे समाज में चेतना भरनी शुरु की तो विघटन की राजनीति करने वाले राजनितिज्ञों और कट्टरपंथियों ने उनके रास्ते को राकेने में अपनी पूरी ताकत लगा दी। लेकिन भारत की पवित्र भूमि का यह स्वभाव रहा है कि यहां सत्य परेशान तो हो सकता है लेकिन पराजित नहीं और इसीलिए सत्यसाधक योगी आदित्यनाथ भी परेशान होने के बावजूद पराजित नहीं हुए और अपने कार्य में मनोयोग से लगे रहे, जिसका परिणाम है कि आज पूर्वांचल के 13 जिलों में योगी के नाम पर अपनी जान दे देने वालों की लम्बी फौज तैयार हो गयी है।अन्याय और अत्याचार के प्रतिकार का प्रतिरुप बन कर उभरे योगी आदित्यनाथ आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में आतंकवाद और कट्टरवाद के फायरब्रांड शत्रु के रुप में पहचाने जाते हैं। योगी की बढती लोकप्रियता से एक तरफ जहां राजनीतिक जगत के उनके विरोधियों में अफरातफरी मची हुई है तो वही आतंकवादी तत्व भी उन्हें अपने रास्ते से हटाने के लिए अपनी साजिश को अंजाम देने की नयी नयी तरकीबें आजमा रहे हैं।अन्याय और अत्याचार के प्रतिकार का प्रतिरुप बन कर उभरे योगी आदित्यनाथ आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में आतंकवाद और कट्टरवाद के फायरब्रांड शत्रु के रुप में पहचाने जाते हैं। योगी की बढती लोकप्रियता से एक तरफ जहां राजनीतिक जगत के उनके विरोधियों में अफरातफरी मची हुई है तो वही आतंकवादी तत्व भी उन्हें अपने रास्ते से हटाने के लिए अपनी साजिश को अंजाम देने की नयी नयी तरकीबें आजमा रहे हैं। विगत वर्षों में आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, गोरखपुर जैसे संवेदनशील जनपदों में विघटनकारी शक्तियों ने जब-जब भी अपनी कारगुजारियों को अंजाम देने की कोशिश की तो योगी ने इसे असफल कर दिया। इसका उदाहरण मऊ जिले में सन् 2005 के दशहरे के दौरान जब आतंकियों से संबंध का आरोप झेल रहे मुख्तार अंसारी ने दंगा भड़काया और उसका नेतृत्व किया तो दहशत से घर-बार छोड़ कर भाग चुके हजारों हिन्दुओं को योगी ने हिम्मत बंधाई, तब प्रशासन भी जागरुक हुआ और वहां दंगे थमे।योगी की कड़ाई के चलते उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को अपनी ही पार्टी के सांसद के भाई विधायक मुख्तार अंसारी को सलाखों के पीछे पहुंचाना पड़ा। योगी आदित्यनाथ की इस जिजीविषा के चलते ही आज उनकी लोकप्रियता अपने चरम पर है और उनकी इस लोकप्रियता से घबराने वाले उनके विरोधी उन्हें किसी भी कीमत पर अपने रास्ते से हटाना चाहते हैं।योगी अपनी इस लोकप्रियता से अन्जान अपनी सुरक्षा को भी दरकिनार कर अपने दैवकार्य में निरन्तर लगे हुए हैं। आजमगढ़ पूर्वी उत्तर प्रदेश का वह जिला हैं जहां पर आतंकी तत्वों की उपस्थिति के बारे में राज्य और केन्द्र का गृहमंत्रालय बराबर लोगों को सतर्क करता रहता है।पिछले दिनों गुजरात और राजस्थान के बम विस्फोटकांड के मास्टरमाइण्ड अबू बसर की यहां से गिरफ्तारी के बाद यह जिला एक बार फिर देश की सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर आया। इतने खतरनाक कांड के मास्टरमाइण्ड की गिरफ्तारी पर भी घृणित राजनीति करने वाली पार्टियां राजनीति करने लगीं और तो और गिरफ्तार आतंकी के घर जा कर उसके प्रति अपनी सहानुभूति दर्शायी और उन्हें एक और गोधरा-गुजरात कांड करने की छूट देने की कोशिश की। बाकी कमी इमाम बुखारी ने पूरी कर दी जिसने सपा नेताओं के साथ आजमगढ़ में सभा की और सरकार व संविधान विरोधी नारे लगावकर भारतीय लोकतंत्र का उपहास उड़ाने के साथ ही देशद्रोहियों को यह संदेश भी दिया कि वे अपना कार्य करते रहें।पिछले दिनों गुजरात और राजस्थान के बम विस्फोटकांड के मास्टरमाइण्ड अबू बसर की यहां से गिरफ्तारी के बाद यह जिला एक बार फिर देश की सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर आया। इतने खतरनाक कांड के मास्टरमाइण्ड की गिरफ्तारी पर भी घृणित राजनीति करने वाली पार्टियां राजनीति करने लगीं और तो और गिरफ्तार आतंकी के घर जा कर उसके प्रति अपनी सहानुभूति दर्शायी और उन्हें एक और गोधरा-गुजरात कांड करने की छूट देने की कोशिश की। बाकी कमी इमाम बुखारी ने पूरी कर दी जिसने सपा नेताओं के साथ आजमगढ़ में सभा की और सरकार व संविधान विरोधी नारे लगावकर भारतीय लोकतंत्र का उपहास उड़ाने के साथ ही देशद्रोहियों को यह संदेश भी दिया कि वे अपना कार्य करते रहें। अबू बशर की गिरफ्तारी और इमाम बुखारी की हरकत से आक्रोशित योगी आदित्यनाथ 7 सितंबर को आजमगढ़ के डी.ए.वी. कॉलेज में एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे। इस बात की जानकारी उन्होंने स्थानीय प्रशासन को 15 दिन पहले ही दे दी थी। लेकिन पता नहीं बसपा के शासन में कार्य करने वाले प्रशासन ने इनको भाजपा का सांसद होने की वजह से या इनके हिन्दू हृदय सम्राट होने की बात से नाराज हो कर इनकी सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरती जिसका खामियाजा ये हुआ कि योगी का काफिला जैसे ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र तकिया में पहुंचा, पहले से ही तैयार खतरनाक मंसूबों कट्टरपंथी तत्वों ने इस संत पर हमला कर दिया। दैव योग से यह हमला तब हुआ जब योगी का वाहन आगे निकल गया था।लेकिन उनके काफिले में शामिल पांच वाहनों को आक्रमणकारियों ने बुरी तरह तहस नहस कर दिया और इनके कई भक्त भी घायल हो गए। इतनी बड़ी घटना के बाद भी योगी अपने निर्धारित कार्यक्रम से पीछे नही हटे और उस कॉलेज में जुटी भारी भीड़ को संबोधित किया और आतंकियों को उनके खूंखार मंसूबों को कामयाब न होने देने की अपनी प्रतिज्ञा भी दृढ़ता से दुहरायी। बुलन्द हौसलों के धनी योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में खामी का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते है कि केन्द्र की राजग सरकार ने जहां परमाणु करार पर अपनी सरकार को बचाने की एवज में अमर सिंह जैसे राज्यसभा सदस्य तक को जेड श्रेणी की सुरक्षा दे रखी है तो वहीं अपने आप को कानून और व्यवस्था की सबसे बड़ी हिमायती बताने वाली मायावती ने प्रदेश के सारे बड़े माफिया सरगनाओं को तो जेड और वाई श्रेणी की सुरक्षा दे रखी है लेकिन आतंकवादियों की आंख की किरकिरी बने योगी आदित्य नाथ को देश का दूसरा लक्ष्मणानन्द बनने के लिए भगवान भरोसे छोड़ दिया।लेकिन सरकार को याद रखना चाहिए कि यदि योगी आदित्यनाथ को कुछ होता है तो वह आतंकवादियों के लिए सुनहरा अवसर तो होगा ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए अकल्पनीय भी होगा क्योंकि योगी का बाल-बांका होते ही पूरा क्षेत्र हिंसा की आग में जलकर राख हो जाएगा। इसलिए सरकार को योगी आदित्यनाथ को तत्काल और पूरी सुरक्षा उपलब्ध करवा और उन पर आक्रमण कराने वाले अपराधियों पर कार्यवाई कर अपनी मुस्तैदी का प्रमाण
गुरुवार, 8 अप्रैल 2010
BADASHA RAO
JAI SHREE RAM
Dear my friend ,
I am Badasha Rao . I am chief of Rao army .My personal
informatin is given below ...............................................
RED ALERT ORGANIZATION ( R.A.O. ) ARMY
NAME ---- BADASHA KHANDERVA
( CHIEF OF RAO ARMY )
FATHER NAME --- INDR SHANKAR KHANDERVA
BORN PLACE -- DELHI , INDIA .
DATE OF BIRTH --- 26-FEB-1985
EDUCATION --- B. TECH (COMPUTER SCIENCE)
MAIL ---- rao.ats@gmail.com
BLOG -- joinraoarmy@blogspot.com
MESSAGE
My dear friend ,
I am very happy and very lucky , because i can
write about myself & you are interested in me . I born in
INDIA , but at this time i am liveing in MAURITIUS &
working on the HINDUISM .
I wan to be notice you that onley HINDU
is visit in my blog and my orkut . Beacuse i do not like any
other relises . I want you see me in orkut & read my blog if
you like me then you can join my communite " rao army "
on orkut .
your
BADASHA KHANDERVA
EMAIL - rao.ats@gmail.com
[ JAI HINDU , JAI HINDUSTAN ]
मंगलवार, 6 अप्रैल 2010
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम की कराची स्थित डी कंपनी ने संभवत: मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के जिम्मेदार लश्कर आतंकियों को साजो-सामान मुहैय्या कराए थे। इस नए खुलासे से मुंबई हमलों के मामले में एक नया मोड़ आ गया है।
लश्कर-ए-तैय्यबा पर जारी रक्षा मंत्रालय के स्ट्रैटेजिक स्टडीज इंस्टीट्यूट ऑफ द यूएस आर्मी वार कालेज की रिपोर्ट में मुंबई हमलों में डी कंपनी की संलिप्तता की बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आतंकी गतिविधियां अंजाम देने में डी कंपनी और लश्कर-ए-तैय्यबा के आतंकियों के बीच गहरा संबंध है। रिपोर्ट के मुताबिक माना जाता है कि दाऊद इब्राहीम वर्ष 1993 से पाकिस्तान में रह रहा है। पाकिस्तान में अब उसके पास शापिंग मॉल, आलीशान घर और समुद्री जहाज हैं जो भारत में हथियारों और हेरोइन की तस्करी करते हैं।
इसमें कहा गया है कि डी कंपनी की आमदनी का काफी हिस्सा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई समर्थित इस्लामी चरमपंथियों में बंट जाती है। रिपोर्ट के अनुसार 'साक्ष्य बताते हैं कि यह संपर्क 1993 के बाद और 1994 के शुरू में बने। टाइगर मेमन और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें आईएसआई के मुजफ्फराबाद स्थित पनाहगाह से सामने आई और यह कश्मीर में माफिया के पैसे के इस्तेमाल का पहला सबूत था।
लश्कर-ए-तैय्यबा पर जारी रक्षा मंत्रालय के स्ट्रैटेजिक स्टडीज इंस्टीट्यूट ऑफ द यूएस आर्मी वार कालेज की रिपोर्ट में मुंबई हमलों में डी कंपनी की संलिप्तता की बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आतंकी गतिविधियां अंजाम देने में डी कंपनी और लश्कर-ए-तैय्यबा के आतंकियों के बीच गहरा संबंध है। रिपोर्ट के मुताबिक माना जाता है कि दाऊद इब्राहीम वर्ष 1993 से पाकिस्तान में रह रहा है। पाकिस्तान में अब उसके पास शापिंग मॉल, आलीशान घर और समुद्री जहाज हैं जो भारत में हथियारों और हेरोइन की तस्करी करते हैं।
इसमें कहा गया है कि डी कंपनी की आमदनी का काफी हिस्सा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई समर्थित इस्लामी चरमपंथियों में बंट जाती है। रिपोर्ट के अनुसार 'साक्ष्य बताते हैं कि यह संपर्क 1993 के बाद और 1994 के शुरू में बने। टाइगर मेमन और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें आईएसआई के मुजफ्फराबाद स्थित पनाहगाह से सामने आई और यह कश्मीर में माफिया के पैसे के इस्तेमाल का पहला सबूत था।
Adityanath Yogi
Adityanath Yogi (born 5 June 1972) is an Indian religious leader and politician. He is the Member of Parliament from Gorakhpur (Lok Sabha Constituency), elected in the 2009 Lok Sabha elections on the Bharatiya Janata Party (BJP) ticket. [1]
Adityanath is the intended successor of Avedyanath. the current mahant or head priest of the Gorakhnath Mutt, a Hindu temple in Gorakhpur. He is also the founder of the Hindu Yuva Vahini, a group seeks to provide a more rightist Hindu platform compared to the mainstream Bharatiya Janata Party to which he belongs.
Adityanath has been viewed as a successor to the Gujarat politician Narendra Modi.[2] For several years, Adityanath has been active in converting other religious groups (particularly the low-caste converts of Christianity) back into the folds of Hinduism. In 2005, a large group of 1800 people were converted in the town of Etah in UP.[3] Adityanath is also active in several GorakshA (cow protection) organizations.
Adityanath is the intended successor of Avedyanath. the current mahant or head priest of the Gorakhnath Mutt, a Hindu temple in Gorakhpur. He is also the founder of the Hindu Yuva Vahini, a group seeks to provide a more rightist Hindu platform compared to the mainstream Bharatiya Janata Party to which he belongs.
Adityanath has been viewed as a successor to the Gujarat politician Narendra Modi.[2] For several years, Adityanath has been active in converting other religious groups (particularly the low-caste converts of Christianity) back into the folds of Hinduism. In 2005, a large group of 1800 people were converted in the town of Etah in UP.[3] Adityanath is also active in several GorakshA (cow protection) organizations.
सांध्य वंदना भी है पुण्यदायी
जिस तरह नदियों का संगम पुण्यवान माना जाता है, ठीक उसी तरह दिन और रात्रि का मिलन समय यानी संध्याकाल भी अत्यंत पुण्यदायी होता है। संध्या वंदन को वेदों में अपार पुण्यदायक माना गया है। जिस प्रकार ब्रह्म मुहूर्त में की गई प्रार्थना संपूर्ण दिन के लिए शुभ होती है, उसी प्रकार संध्या वेला में जब सूर्य अस्त हो रहा हो और रात्रि के प्रथम प्रहर का आगमन हो रहा हो, उस समय की गई वंदना रात्रि के लिए शुभ होती है। दुर्गासप्तशती के वेदोक्त रात्रिसूक्त में रात्रिदेवी के लिए बड़ी सुंदर प्रार्थनाएं की गई हैं-
सा नो अद्य यस्या वयं नि ते यामनविक्ष्महि। वृक्षे न वसति वय:।
-4 दुर्गासप्तशती पृष्ठ संख्या 42
यावया वृक्यं वृकं यवय स्तेनमूंम्र्ये। अथा न: सुतरा भव। 6 दुर्गासप्तशती
अर्थात वे रात्रि देवी इस समय मुझ पर प्रसन्न हों, जिनके आने पर हम लोग अपने घरों में सुख से सोते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे रात्रि के समय पक्षी वृक्षों पर बनाए हुए अपने घोंसलों में सुखपूर्वक शयन करते हैं। हे रात्रि देवी! तुम कृपा करके वासनामय और पापमय इच्छाओं को हमसे अलग करो। हमारे लिए सुखपूर्वक रहने योग्य हो जाओ। मोक्षदायिनी एवं कल्याणदायिनी बन जाओ।
यहां यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब हम दिन भर रोजमर्रा के कार्यो में व्यस्त रहते हैं, तो फिर रोजाना संध्या वंदना के लिए कब समय निकालें? इसका एक ही उत्तर है कि आप जहां जिस स्थान पर हैं, वहीं आराधना करें। जब समय मिले, तब आराधना करें। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है-अपने आपको ऊपर उठाओ। उद्धरेदात्मनात्मानं यानी अपना उद्धार स्वयं करो। कोई दूसरा व्यक्ति आपका उद्धार नहीं कर सकता।
सा नो अद्य यस्या वयं नि ते यामनविक्ष्महि। वृक्षे न वसति वय:।
-4 दुर्गासप्तशती पृष्ठ संख्या 42
यावया वृक्यं वृकं यवय स्तेनमूंम्र्ये। अथा न: सुतरा भव। 6 दुर्गासप्तशती
अर्थात वे रात्रि देवी इस समय मुझ पर प्रसन्न हों, जिनके आने पर हम लोग अपने घरों में सुख से सोते हैं। ठीक वैसे ही, जैसे रात्रि के समय पक्षी वृक्षों पर बनाए हुए अपने घोंसलों में सुखपूर्वक शयन करते हैं। हे रात्रि देवी! तुम कृपा करके वासनामय और पापमय इच्छाओं को हमसे अलग करो। हमारे लिए सुखपूर्वक रहने योग्य हो जाओ। मोक्षदायिनी एवं कल्याणदायिनी बन जाओ।
यहां यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब हम दिन भर रोजमर्रा के कार्यो में व्यस्त रहते हैं, तो फिर रोजाना संध्या वंदना के लिए कब समय निकालें? इसका एक ही उत्तर है कि आप जहां जिस स्थान पर हैं, वहीं आराधना करें। जब समय मिले, तब आराधना करें। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है-अपने आपको ऊपर उठाओ। उद्धरेदात्मनात्मानं यानी अपना उद्धार स्वयं करो। कोई दूसरा व्यक्ति आपका उद्धार नहीं कर सकता।
मंगलवार, 30 मार्च 2010
मुसलमानों पर हमला हिंदू प्रदेश में सांसद योगी आदित्यनाथ
) लखनऊ (उत्तर प्रदेश: एक युवा रविवार को मारा गया था और कुछ लोगों को सांप्रदायिक हिंसा में घायल हुए थे और आगजनी शहर है कि प्रदेश के आजमगढ़ के बाद एक रैली द्वारा भारतीय जनता आदित्यनाथ योगी उत्तर में पार्टी भाजपा () सांसद, पुलिस ने कहा. Yogi, who apart from being the party MP from Gorakhpur town, is the founder chief of Hindu Vahini, a hardliner Hindu fundamentalist organization that commands a large following in major parts of eastern Uttar Pradesh. योगी के अलावा गोरखपुर शहर से पार्टी सांसद से की जा रही है, जो हिंदू वाहिनी, एक कट्टरपंथी हिंदू कट्टरपंथी संगठन है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रमुख भागों में एक बड़े निम्नलिखित कमांड के संस्थापक अध्यक्ष है. Violence erupted earlier during the day as Muslims pelted stones at slogan-shouting youths riding through a Muslim dominated locality on about 150 motorcycles. हिंसा मुसलमानों के रूप में दिन के दौरान पहले भड़क उठी नारे के माध्यम से सवारी युवकों चिल्ला पर पथराव एक मुस्लिम के बारे में 150 मोटरसाइकिलों पर इलाके बोलबाला है. Sporting saffron outfits and raising high-pitch pro-Hindutva slogans, they were accompanying a convoy of Yogi Adityanath who was on his way to address an "anti-terrorism" rally at the DAV college in Azamgarh, about 350 km from here. स्पोर्टिंग भगवा संगठनों और उच्च पिच उठा हिंदुत्व समर्थक नारे, वे योगी आदित्यनाथ जो अपने को आजमगढ़ में डीएवी कॉलेज, यहाँ से 350 किमी पर एक "विरोधी" आतंकवाद रैली को संबोधित रास्ते पर था के एक काफिले साथ थे. Significantly, the rally was titled "Atankwad Virodhi Hindu Chetna rally" (anti terrorism Hindu awakening rally), where the BJP MP left no stone unturned to provoke a communal clash by making sweeping anti-Muslim remarks. गौरतलब है कि रैली शीर्षक था "Atankwad virodhi हिंदू चेतना" रैली (आतंकवाद विरोधी रैली हिंदू जागरण), जहां भाजपा सांसद कोई पत्थर छोड़ दिया करने के व्यापक मुस्लिम विरोधी टिप्पणी करके एक सांप्रदायिक संघर्ष भड़काने के लिए बेसुरा. And the slogans that rent the air included, "Baccha-Bachcha Ram ka, Janmbhoomi ke kaam ka" (Every child is a child of Ram and his duty is to serve the birth place of Ram) and "Jis Hindu ka khoon na khaula, khoon nahin woh paani hai" (Any Hindu whose blood does not boil, does not have blood but water running in his veins). (What is anti-Muslim in these slogans? These slogans are nothing but the truth and there is no reason to trigger communal violence due to these slogans?) और नारे कि किराया हवा, "Baccha-बच्चा राम का, Janmbhoomi के kaam का" (हर बच्चे शामिल राम का एक बच्चा और उसका कर्तव्य है कि राम के जन्म स्थान की सेवा) और जिस हिंदू का खून न khaula "है, खून तो नहीं है के वो पानी "(जिसका कोई हिंदू फोड़ा नहीं करता है रक्त,) में उनकी नहीं चल रहा पानी है लेकिन खून के नसों (. क्या नारे में इन मुस्लिम-विरोधी है? ये नारे नहीं हैं, लेकिन सच है और वहाँ कोई कारण नहीं ट्रिगर सांप्रदायिक नारे इन करने के लिए हिंसा की वजह से?) Just as Adityanath's motorcade moved out of the locality, some stones were hurled at the motor-bikes. आदित्यनाथ काफिले है बस के रूप में इलाके से बाहर चले गए, कुछ पत्थर मोटर बाइक पर फेंका गया था. "Retaliation followed and soon the violence escalated from both sides with some people even opening fire and also resorting to arson," Brij Lal, state's additional director general of police, told IANS here. , बृज लाल, "इसका प्रतिकार भी उतनी पीछा किया और कुछ भी आग खोलने के लोगों के साथ दोनों पक्षों से हिंसा परिवर्धित जल्द ही और भी आगजनी का सहारा" राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने आईएएनएस से कहा. "The body of a youth was discovered inside a Bolero jeep, abandoned in the area, together with a completely charred Maruti car," Lal said. लाल ने कहा कि एक युवा के शरीर में एक बोलेरो जीप के अंदर की खोज की थी, इस क्षेत्र में छोड़ दिया, एक पूरी तरह जले मारुति कार के साथ एक साथ ". He, however, added: "But we are still trying to ascertain whether this killing was connected to the communal flare-up or not." उन्होंने, हालांकि, कहा: "लेकिन हम अभी भी पता लगाने के लिए कि क्या यह हत्या सांप्रदायिक भड़क उठने या नहीं जुड़ा था की कोशिश कर रहे हैं." While heavy police deployments were made in the communally sensitive town to prevent any recurrence of violence, Yogi Adityanath left the town with his huge entourage, though not without a warning to "teach a lesson" to those who attempted to disrupt his rally. जबकि भारी पुलिस तैनाती के सांप्रदायिक संवेदनशील शहर में बनाया गया था करने के लिए हिंसा के किसी भी पुनरावृत्ति रोकने के लिए, योगी आदित्यनाथ अपने विशाल घेरा के साथ शहर छोड़ दिया, एक "जो लोग अपनी रैली को बाधित करने का प्रयास करने के लिए एक" सबक सिखाने की चेतावनी के बिना, हालांकि नहीं है. Earlier, he was not prepared to leave the town and had even gone to the extent of threatening to "burn down Azamgarh" if those involved in disrupting his programme were not arrested immediately. इससे पहले, वह शहर छोड़ने के लिए तैयार नहीं था और था भी "नीचे आजमगढ़ जला" अपने कार्यक्रम में शामिल लोगों में बाधा पहुँचा अगर तुरंत गिरफ्तार किया गया था धमकी की हद तक चला गया है. On the intervention of administrative and police officials, he agreed to move out. प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप पर, वह बाहर स्थानांतरित करने पर सहमत हुए.
भारतीय सैनिकों ने रचा था इतिहास
नई दिल्ली। सन 1962 की लड़ाई में चीन के साथ युद्ध में भारतीय सेना को जहां कई मोर्चो पर हार का सामना करना पड़ा, वहीं लद्दाख के चुशूल सेक्टर में उसने शौर्य का ऐसा इतिहास रचा कि तमाम प्रयासों के बावजूद चीनी सैनिक रेजांगला पर कब्जा नहीं कर पाए।
भारतीय सेना के 1962 के युद्ध आंकड़ों के अनुसार चीनी आक्रमण के चलते 24 अक्टूबर 1962 को रेजांगला की सुरक्षा का जिम्मा कुमाऊं रेजीमेंट की चार्ली कंपनी को सौंप दिया गया। भारतीय सैनिक सुरक्षात्मक तैयारियों में लगे थे कि अचानक 18 नवंबर को पौ फटने से पहले चीनी सेना ने रेजांगला पर जबर्दस्त हमला कर दिया। रेजांगला लद्दाख के चुशूल सेक्टर में 18 हजार फुट की बर्फीली ऊंचाई पर स्थित है। वहां पानी भी जम जाता है। मातृभूमि की सीमाओं की रक्षा की जिद ठाने वहां तैनात भारतीय जवानों का लहू नहीं जमा। उन्होंने चीनी सेना का ऐसा मुकाबला किया कि देखते ही देखते चार्ली कंपनी, सात और आठ नंबर प्लाटून तथा मोटर सेक्शन की जबर्दस्त जवाबी कार्रवाई में सैकड़ों चीनी सैनिक ढेर हो गए।
यह जबर्दस्त लड़ाई कई घंटों तक चली। रेजांगला के नाले चीनी सैनिकों की लाशों से भर गए। इस हमले में विफल हो जाने पर चीनियों ने फिर से जबर्दस्त हमला बोला फिर भी वे कामयाब नहीं हुए। इसके बाद चीनियों ने तीसरी बार कई ओर से धावा बोला। कई जगह उन्हें अपने ही सैनिकों की लाशों के ऊपर से गुजरना पड़ा। भारतीय जवान जमकर लड़े। गोला बारूद खत्म हो जाने पर वे अपने मोर्चो से बाहर निकल आए और निहत्थे ही स्वचालित राइफलधारी चीनी सैनिकों से भिड़ गए।
भारतीय सेना के पहलवान सिंहराम ने कई चीनी सैनिकों को चट्टान पर पटक कर मार डाला। घंटों तक चली इस लड़ाई में भारतीय सेना के 114 अधिकारी और जवान शहीद हो गए। इसके बावजूद चुशूल पर चीनी सैनिक कब्जा नहीं कर पाए। बहादुर हवलदार रामकुमार के शरीर में नौ गोलियां लगीं। इसके बावजूद दुश्मन को झांसा देकर वह लुढ़कते-लुढ़कते छह मील की दुर्गम बर्फीली दूरी तय कर अपने बटालियन मुख्यालय पहुंचने में कामयाब हो गए।
बहादुर भारतीय सैनिकों की तुलना में मरने वाले चीनी सैनिकों की तादाद काफी अधिक थी। भारतीयों की बहादुरी को देखकर चीनी सैनिक भी दंग रह गए। जाते-जाते वह हमारे शरीद सैनिकों के पार्थिव शरीरों को सम्मान के साथ कंबलों से ढक गए तथा उनकी संगीनें उनके शरीरों के पास खड़ी कर गए। 11 फरवरी 1963 को 110 रेडक्रास अधिकारियों और भारतीय सेना के जवानों तथा अधिकारियों का दल चुशूल सेक्टर पहुंचा जहां प्रकृति ने बहादुरी के इतिहास को अब भी पूरी तरह सहेज कर रखा था। इसके बाद वहां तत्कालीन सेना प्रमुख टी एन रैना भी पहुंचे। बेहद सर्द इलाका होने के कारण उन्हें लड़ाई के सभी दृश्य सुरक्षित मिले। शहीद भारतीय सैनिकों के शव बर्फ में जम चुके थे, तब भी अपने हथियार थामे हुए थे। यह दृश्य देखकर सेना अध्यक्ष बिलख-बिलख कर रो पड़े।
क्षेत्र से 96 अधिकारियों और जवानों के शव बरामद हुए। बाकी शव अगली कार्रवाई में मिले। मेजर शैतान सिंह का शव उसी समय विमान के जरिए जोधपुर पहुंचाया गया। वहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बाकी शवों का अंतिम संस्कार चुशूल युद्धक्षेत्र में ही कर दिया गया जहां उनकी स्मृति में अब एक स्मारक बना है।
भारतीय सेना के 1962 के युद्ध आंकड़ों के अनुसार चीनी आक्रमण के चलते 24 अक्टूबर 1962 को रेजांगला की सुरक्षा का जिम्मा कुमाऊं रेजीमेंट की चार्ली कंपनी को सौंप दिया गया। भारतीय सैनिक सुरक्षात्मक तैयारियों में लगे थे कि अचानक 18 नवंबर को पौ फटने से पहले चीनी सेना ने रेजांगला पर जबर्दस्त हमला कर दिया। रेजांगला लद्दाख के चुशूल सेक्टर में 18 हजार फुट की बर्फीली ऊंचाई पर स्थित है। वहां पानी भी जम जाता है। मातृभूमि की सीमाओं की रक्षा की जिद ठाने वहां तैनात भारतीय जवानों का लहू नहीं जमा। उन्होंने चीनी सेना का ऐसा मुकाबला किया कि देखते ही देखते चार्ली कंपनी, सात और आठ नंबर प्लाटून तथा मोटर सेक्शन की जबर्दस्त जवाबी कार्रवाई में सैकड़ों चीनी सैनिक ढेर हो गए।
यह जबर्दस्त लड़ाई कई घंटों तक चली। रेजांगला के नाले चीनी सैनिकों की लाशों से भर गए। इस हमले में विफल हो जाने पर चीनियों ने फिर से जबर्दस्त हमला बोला फिर भी वे कामयाब नहीं हुए। इसके बाद चीनियों ने तीसरी बार कई ओर से धावा बोला। कई जगह उन्हें अपने ही सैनिकों की लाशों के ऊपर से गुजरना पड़ा। भारतीय जवान जमकर लड़े। गोला बारूद खत्म हो जाने पर वे अपने मोर्चो से बाहर निकल आए और निहत्थे ही स्वचालित राइफलधारी चीनी सैनिकों से भिड़ गए।
भारतीय सेना के पहलवान सिंहराम ने कई चीनी सैनिकों को चट्टान पर पटक कर मार डाला। घंटों तक चली इस लड़ाई में भारतीय सेना के 114 अधिकारी और जवान शहीद हो गए। इसके बावजूद चुशूल पर चीनी सैनिक कब्जा नहीं कर पाए। बहादुर हवलदार रामकुमार के शरीर में नौ गोलियां लगीं। इसके बावजूद दुश्मन को झांसा देकर वह लुढ़कते-लुढ़कते छह मील की दुर्गम बर्फीली दूरी तय कर अपने बटालियन मुख्यालय पहुंचने में कामयाब हो गए।
बहादुर भारतीय सैनिकों की तुलना में मरने वाले चीनी सैनिकों की तादाद काफी अधिक थी। भारतीयों की बहादुरी को देखकर चीनी सैनिक भी दंग रह गए। जाते-जाते वह हमारे शरीद सैनिकों के पार्थिव शरीरों को सम्मान के साथ कंबलों से ढक गए तथा उनकी संगीनें उनके शरीरों के पास खड़ी कर गए। 11 फरवरी 1963 को 110 रेडक्रास अधिकारियों और भारतीय सेना के जवानों तथा अधिकारियों का दल चुशूल सेक्टर पहुंचा जहां प्रकृति ने बहादुरी के इतिहास को अब भी पूरी तरह सहेज कर रखा था। इसके बाद वहां तत्कालीन सेना प्रमुख टी एन रैना भी पहुंचे। बेहद सर्द इलाका होने के कारण उन्हें लड़ाई के सभी दृश्य सुरक्षित मिले। शहीद भारतीय सैनिकों के शव बर्फ में जम चुके थे, तब भी अपने हथियार थामे हुए थे। यह दृश्य देखकर सेना अध्यक्ष बिलख-बिलख कर रो पड़े।
क्षेत्र से 96 अधिकारियों और जवानों के शव बरामद हुए। बाकी शव अगली कार्रवाई में मिले। मेजर शैतान सिंह का शव उसी समय विमान के जरिए जोधपुर पहुंचाया गया। वहां पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बाकी शवों का अंतिम संस्कार चुशूल युद्धक्षेत्र में ही कर दिया गया जहां उनकी स्मृति में अब एक स्मारक बना है।
सोमवार, 29 मार्च 2010
बुधवार, 10 फ़रवरी 2010
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Badasha rao .
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